निर्जला एकादशी, हिंदू धर्म का सबसे पवित्र और कठिन व्रतों में से एक, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है। यह पर्व भक्तों के लिए भक्ति, समर्पण और आत्म-संयम का प्रतीक है, जहां वे बिना अन्न और जल के उपवास करते हैं। 2025 में, निर्जला एकादशी 2025 का यह पर्व मेहंदीपुर बालाजी मंदिर (Mehandipur balaji temple) में अद्वितीय उत्साह और भक्ति के साथ मनाया गया। राजस्थान के दौसा जिले में स्थित यह मंदिर, भगवान हनुमान के चमत्कारी स्वरूप बालाजी महाराज के दर्शन के लिए प्रसिद्ध है। हजारों भक्तों ने इस पवित्र अवसर पर मंदिर की ओर रुख किया, जिससे मेहंदीपुर बालाजी भक्तों की भीड़ एक जीवंत और आध्यात्मिक दृश्य प्रस्तुत कर रही थी। मंदिर परिसर में भजनों की मधुर धुन, अगरबत्तियों की सुगंध और भक्तों की श्रद्धा ने एक अनूठा आध्यात्मिक माहौल बनाया, जो हर किसी को भक्ति के रंग में डुबो देता था।
निर्जला एकादशी का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि इसे सभी 24 एकादशियों में सबसे पुण्यदायी माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इस एक व्रत से साल भर की सभी एकादशियों का फल प्राप्त होता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, और मान्यता है कि इसे करने से दीर्घायु, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है। निर्जला एकादशी पूजा विधि में भगवान विष्णु की पूजा, मंत्र जाप, और दान शामिल हैं, जो भक्तों को आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करते हैं। यह व्रत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह शरीर को डिटॉक्स करता है।
2025 में, निर्जला एकादशी 6 और 7 जून को मनाई गई। पंचांग के अनुसार, एकादशी तिथि 6 जून को रात 2:15 बजे शुरू हुई और 7 जून को सुबह 4:47 बजे समाप्त हुई। इस दिन विशेष शुभ योग जैसे हस्त नक्षत्र, व्यातीपात, और सर्वार्थ सिद्धि योग ने इसे और भी महत्वपूर्ण बना दिया।
विवरण |
समय |
एकादशी तिथि प्रारंभ |
6 जून 2025, रात 2:15 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त |
7 जून 2025, सुबह 4:47 बजे |
पारण समय |
7 जून 2025, दोपहर 1:30 से 4:24 बजे |
मेहंदीपुर बालाजी धाम, राजस्थान के दौसा जिले में स्थित, भगवान हनुमान का एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों और हनुमान जी के भक्तों की आस्था के लिए जाना जाता है। भक्त यहां मनोकामनाएं पूरी करने और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। मंदिर का शांत और पवित्र वातावरण भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का इतिहास लगभग 1008 वर्ष पुराना है। यह माना जाता है कि भगवान हनुमान के चमत्कारिक दर्शन के बाद इस मंदिर की स्थापना हुई। मंदिर में तीन मुख्य देवताओं की पूजा होती है:
इन देवताओं की उपस्थिति मंदिर को विशेष शक्तियों से युक्त बनाती है। मेहंदीपुर बालाजी उत्सव और त्योहारों के दौरान, जैसे निर्जला एकादशी मेहंदीपुर बालाजी मेला, यह स्थान भक्तों के लिए एक तीर्थस्थल बन जाता है।
6 जून 2025 को, मेहंदीपुर धाम भीड़ 2025 का एक जीवंत उदाहरण था। सुबह से ही भक्त मंदिर की ओर उमड़ पड़े, और दोपहर तक परिसर भक्तों से खचाखच भर गया। मेहंदीपुर बालाजी निर्जला एकादशी के इस अवसर पर, मंदिर प्रशासन ने भक्तों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की थीं।
महिलाओं ने निर्जला एकादशी पर विशेष दर्शन के दौरान अपने आराध्य को मीठे जल से स्नान कराया, जो इस पर्व की एक विशेष रस्म है। मंदिर का गर्भगृह भक्तों की कतारों से भरा था, और हर चेहरा आस्था से दमक रहा था। भजनों की मधुर धुन और अगरबत्तियों की सुगंध ने वातावरण को और पवित्र बना दिया। यह दृश्य मेहंदीपुर में एकादशी का मेला जैसा प्रतीत हो रहा था।
आधुनिक युग में, मेहंदीपुर बालाजी धाम ने भक्तों की सुविधा के लिए ऑनलाइन सेवाएं शुरू की हैं। मेहंदीपुर बालाजी सवामणी (Sawamani Booking) और मेहंदीपुर बालाजी चोला बुकिंग ( Mehandipur balaji chola booking ) जैसी सेवाएं भक्तों को अपनी पूजा-अर्चना आसानी से करने की सुविधा देती हैं।
ये सेवाएं उन भक्तों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हैं जो दूर रहते हैं या व्यस्तता के कारण मंदिर नहीं पहुंच पाते। ऑनलाइन बुकिंग से समय की बचत होती है और भक्त बिना भीड़ का सामना किए अपनी भक्ति व्यक्त कर सकते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी भक्तों की भीड़ का हिस्सा बनने वाले श्रद्धालुओं के अनुभव इस स्थान की महिमा को और बढ़ाते हैं।
ये अनुभव दर्शाते हैं कि मेहंदीपुर बालाजी त्यौहार केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक यात्रा है जो भक्तों के जीवन को बदल देती है।
निर्जला एकादशी 2025 का पर्व मेहंदीपुर बालाजी धाम में एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया। मेहंदीपुर धाम भीड़ 2025 ने न केवल भक्तों की गहरी आस्था को दर्शाया, बल्कि इस पवित्र स्थान की चमत्कारी शक्ति को भी उजागर किया। मंदिर प्रशासन की विशेष व्यवस्थाएं, जैसे जलपात्र, शरबत वितरण, और विशाल पंडाल, ने भक्तों के लिए इस आध्यात्मिक यात्रा को और सुखद बनाया। मेहंदीपुर बालाजी सवामणी ऑनलाइन बुकिंग (Sawamani Booking) और अन्य डिजिटल सेवाओं ने दूर-दराज के भक्तों को भी इस पवित्र उत्सव से जोड़ा, जिससे उनकी भक्ति और श्रद्धा बिना किसी रुकावट के पूरी हो सकी। हनुमान जी के भक्तों की आस्था और मेहंदीपुर बालाजी त्यौहार की भव्यता हर साल लाखों लोगों को इस तीर्थस्थल की ओर खींचती है। यह पर्व न केवल आत्मिक शांति और शुद्धि का अवसर प्रदान करता है, बल्कि भक्तों को एक-दूसरे के साथ आध्यात्मिक बंधन में बांधता है। अगले साल निर्जला एकादशी पर आप भी मेहंदीपुर बालाजी धाम में शामिल हों, चाहे व्यक्तिगत रूप से या मेहंदीपुर बालाजी सवामणी ऑनलाइन बुकिंग (Mehandipur balaji sawamani online booking) के माध्यम से, और इस दिव्य अनुभव का हिस्सा बनें। राजस्थान में निर्जला एकादशी का यह उत्सव आपके जीवन में शांति, समृद्धि, और आनंद लेकर आएगा, जो आपकी आस्था को और गहरा करेगा।