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Why Offer Chola to Hanuman Ji in Sawan? Discover the Secret

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सावन और हनुमानजी का विशेष संबंध

सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह भगवान शिव को समर्पित महीना है, जिसमें भक्त उनकी भक्ति में लीन रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सावन में हनुमान पूजा का भी विशेष महत्व है? खास तौर पर, हनुमानजी को चोला चढ़ाना एक ऐसी परंपरा है जो भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है। इस लेख में, हम सावन में चोला चढ़ाने का महत्व और इसके पीछे के रहस्य को समझेंगे, साथ ही यह भी जानेंगे कि हनुमानजी को चोला चढ़ाने की विधि क्या है और यह कैसे आपके जीवन को बदल सकती है।

हनुमानजी, जिन्हें संकटमोचन और बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है, भगवान शिव के रुद्रावतार माने जाते हैं। सावन में उनकी पूजा करने से न केवल हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है, बल्कि भगवान शिव का आशीर्वाद भी मिलता है। मेहंदीपुर बालाजी सवामणी (Mehandipur Balaji Sawamani)जैसे प्रसिद्ध मंदिरों में भक्त इस अवसर का विशेष लाभ उठाते हैं। आइए, इस परंपरा के विभिन्न पहलुओं को विस्तार से जानते हैं।

चोला चढ़ाने का अर्थ और महत्व

हनुमानजी को चोला चढ़ाना एक प्राचीन हिंदू रीति है, जिसमें उनकी मूर्ति को चमेली के तेल में मिले सिंदूर से सजाया जाता है। यह प्रक्रिया मूर्ति को एक लाल रंग की परत प्रदान करती है, जिसे चोला कहा जाता है। यह न केवल भक्ति का प्रतीक है, बल्कि हनुमानजी के प्रति गहरे सम्मान और समर्पण को भी दर्शाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह रीति हनुमानजी को प्रसन्न करती है और भक्तों को उनके आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।

चोला चढ़ाने की परंपरा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को की जाती है, क्योंकि ये दिन हनुमानजी को समर्पित हैं। हनुमानजी को चोला कब चढ़ाएं? इसका जवाब है कि सावन के मंगलवार विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं, क्योंकि इस महीने में शिव और हनुमान दोनों की पूजा का संयुक्त प्रभाव होता है।

चोला चढ़ाने की सामग्री

चोला चढ़ाने के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

सामग्री

उपयोग

चमेली का तेल

सिंदूर के साथ मिलाकर मूर्ति पर लगाया जाता है।

सिंदूर

हनुमानजी की मूर्ति को लाल रंग प्रदान करने के लिए।

फूल और माला

पूजा के दौरान अर्पित किए जाते हैं।

धूप और अगरबत्ती

पूजा स्थल को पवित्र करने के लिए।

दीपक

भक्ति और प्रकाश का प्रतीक।

प्रसाद (लड्डू, हलवा)

पूजा के बाद भक्तों में बांटा जाता है।

 

सावन में चोला चढ़ाने का विशेष महत्व

सावन में चोला चढ़ाने का महत्व कई धार्मिक और आध्यात्मिक कारणों से है। सावन भगवान शिव का प्रिय महीना है, और चूंकि हनुमानजी को शिव का रुद्रावतार माना जाता है, इस महीने में उनकी पूजा विशेष फलदायी होती है। निम्नलिखित कारण इसे और भी महत्वपूर्ण बनाते हैं:

  • शिव और हनुमान का संबंध: शिव पुराण के अनुसार, हनुमानजी भगवान शिव के एकादश रुद्र अवतार हैं। इसलिए, सावन में हनुमानजी को चोला चढ़ाने से शिव और हनुमान दोनों की कृपा प्राप्त होती है।
  • संकटों से मुक्ति: सावन में चोला चढ़ाकर कष्टों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह प्रक्रिया भूत-प्रेत, शनि की साढ़े साती, और अन्य ग्रह बाधाओं को दूर करती है।
  • मंगलवार की शुभता: सावन के मंगलवार, जिन्हें मंगलवार हनुमान पूजा के लिए विशेष माना जाता है, चोला चढ़ाने के लिए सबसे शुभ समय होते हैं। इन दिनों में चोला चढ़ाने से हनुमानजी प्रसन्न कैसे होते हैं, यह भक्तों के अनुभवों से स्पष्ट है।

सावन के मंगलवार और हनुमान पूजा

श्री हनुमान व्रत सावन में विशेष रूप से मंगलवार को रखा जाता है। इन दिनों में भक्त उपवास रखते हैं और बजरंगबली पूजा सावन में विशेष विधि-विधान से करते हैं। संकटमोचन चोला पाठ के साथ हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह परंपरा न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाती है।

हनुमानजी को चोला चढ़ाने की विधि

सावन में हनुमानजी को चोला चढ़ाने की विधि सरल लेकिन श्रद्धापूर्ण है। इसे सही तरीके से करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  1. तैयारी: सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और स्वच्छ, अधिमानतः लाल या केसरिया वस्त्र धारण करें।
  2. पूजा स्थल की शुद्धि: हनुमानजी की मूर्ति को गंगाजल से साफ करें। पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं।
  3. चोला अर्पण विधि: चमेली के तेल में सिंदूर मिलाएं। इस मिश्रण को हनुमानजी की मूर्ति पर, विशेष रूप से उनके चरणों से शुरू करके पूरे शरीर पर लगाएं।
  4. मंत्र और पाठ: हनुमान चोला पाठ विधि के तहत "ॐ हनुमते नमः" मंत्र का जाप करें। इसके साथ ही हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें।
  5. प्रसाद और आरती: पूजा के अंत में लड्डू, हलवा या अन्य मिठाई का प्रसाद अर्पित करें और हनुमानजी की आरती उतारें।

हनुमानजी को चोला चढ़ाने का शुभ समय मंगलवार और शनिवार को सुबह या संध्या समय होता है। सावन में यह प्रक्रिया और भी प्रभावशाली मानी जाती है।

चोला चढ़ाने के नियम और उपाय

  • शुद्धता: पूजा के दौरान मन और शरीर की शुद्धता बनाए रखें।
  • श्रद्धा: पूजा पूरे भक्ति भाव से करें, क्योंकि हनुमानजी भक्तों के भाव को देखते हैं।
  • नियमितता: यदि संभव हो, तो सावन के प्रत्येक मंगलवार को चोला चढ़ाएं।
  • प्रसाद वितरण: पूजा के बाद प्रसाद को जरूरतमंदों में बांटें, इससे पुण्य बढ़ता है।

मेहंदीपुर बालाजी में चोला चढ़ाने की सुविधा

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान के दौसा जिले में स्थित, हनुमानजी का एक चमत्कारी तीर्थ स्थल है। यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए प्रसिद्ध है जो मानसिक और शारीरिक कष्टों से मुक्ति पाना चाहते हैं। यहां मेहंदीपुर बालाजी चोला बुकिंग (Mehandipur balaji chola booking) और मेहंदीपुर बालाजी सवामणी ऑनलाइन बुकिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

  • ऑनलाइन बुकिंग: भक्त मेहंदीपुर बालाजी सवामणी वेबसाइट के माध्यम से चोला और सवामणी की बुकिंग कर सकते हैं। यह सुविधा भक्तों को अपनी पूजा को सुगम और व्यवस्थित तरीके से करने में मदद करती है।
  • सवामणी और भोग सेवा: सवामणी में शुद्ध देसी घी के हलवे, पूरी-सब्जी, या लड्डू जैसे प्रसाद शामिल होते हैं, जिन्हें भक्त अपनी मनोकामना पूरी होने पर अर्पित करते हैं।
  • चमत्कारी अनुभव: मेहंदीपुर बालाजी में श्री हनुमानजी का चमत्कार अनुभव करने वाले भक्तों की कहानियां इस मंदिर की महिमा को और बढ़ाती हैं।

चोला चढ़ाने से लाभ

चोला चढ़ाने से लाभ अनेक हैं, जो न केवल आध्यात्मिक बल्कि व्यावहारिक जीवन में भी प्रभाव डालते हैं:

लाभ

विवरण

संकटों से मुक्ति

भूत-प्रेत, शनि की साढ़े साती, और अन्य ग्रह बाधाओं से राहत।

मनोकामनाओं की पूर्ति

नौकरी, विवाह, या अन्य इच्छाओं की पूर्ति।

मंगल ग्रह का शुभ प्रभाव

कुंडली में मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करता है।

आध्यात्मिक शांति

मन को शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य

तनाव, चिंता, और मानसिक रोगों से मुक्ति।

 

हनुमानजी को चोला चढ़ाने से कौनसे संकट दूर होते हैं? यह प्रक्रिया कोर्ट-कचहरी, जेल बंधन, कर्ज, और दुर्घटनाओं जैसे संकटों से बचाव करती है।

निष्कर्ष

सावन में हनुमानजी को चोला चढ़ाना एक ऐसी परंपरा है जो भक्तों को न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि उनके जीवन को सुख, समृद्धि, और संरक्षण से भी भर देती है। इस पवित्र महीने में, विशेष रूप से मंगलवार को, बजरंगबली पूजा सावन में करने से हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में पूजा करना चाहते हैं, तो मेहंदीपुर बालाजी सवामणी ऑनलाइन बुकिंग (Mehandipur balaji sawamani online booking) के माध्यम से अपनी पूजा को और सुगम बनाएं।

हनुमानजी की भक्ति में लीन होकर, इस सावन में चोला चढ़ाएं और उनके चमत्कारों का अनुभव करें। यह प्रक्रिया न केवल आपके जीवन से संकटों को दूर करती है, बल्कि आपको भगवान राम और हनुमानजी की संयुक्त कृपा भी प्रदान करती है। चाहे आप घर पर पूजा करें या मेहंदीपुर बालाजी जैसे पवित्र स्थल पर, हनुमानजी को चोला चढ़ाने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव निश्चित रूप से आएंगे। जय श्री राम! जय हनुमान! 🚩