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Why is PretRaj Sarkar Placed Above Balaji in Mehandipur Temple?

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मेहंदीपुर बालाजी: आस्था और तंत्र शक्ति का संगम

राजस्थान के दौसा जिले में स्थित मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ( Mehandipur balaji temple ) पूरे भारत में अपनी अनोखी शक्तियों और तंत्र-मंत्र से जुड़े अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ लाखों श्रद्धालु भूत-प्रेत बाधा, नकारात्मक ऊर्जाओं और मानसिक-शारीरिक समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए आते हैं। यह मंदिर अपनी विशेष पूजा पद्धति और अनुष्ठानों के कारण हिंदू धर्म में एक अलग स्थान रखता है।

जब भी कोई श्रद्धालु इस मंदिर में प्रवेश करता है, तो एक बात विशेष रूप से ध्यान देने योग्य होती है—प्रेतराज सरकार की मूर्ति बालाजी महाराज से ऊँचे स्थान पर विराजमान है। आमतौर पर, हिंदू मंदिरों में प्रमुख देवता सबसे ऊँचे स्थान पर स्थापित किए जाते हैं, लेकिन यहाँ यह परंपरा उलट है। आखिर ऐसा क्यों है? इस रहस्य को समझने के लिए हमें इस मंदिर की धार्मिक मान्यताओं और आध्यात्मिक परंपराओं की गहराई में जाना होगा।

 


प्रेतराज सरकार कौन हैं?

प्रेतराज सरकार को हिंदू तांत्रिक परंपरा में भूत-प्रेतों, नकारात्मक शक्तियों और बाधाओं के न्यायाधीश के रूप में माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि प्रेतराज सरकार उन आत्माओं पर शासन करते हैं, जो पृथ्वी पर भटक रही हैं या जिन्होंने कोई पाप किया है। वे अधर्मी और पीड़ित आत्माओं के बीच संतुलन बनाए रखते हैं और न्याय करते हैं।

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में आने वाले अधिकतर भक्त किसी न किसी ऊपरी बाधा से प्रभावित होते हैं, और प्रेतराज सरकार ही यह निर्णय लेते हैं कि इन बाधाओं को समाप्त किया जाए या नहीं। यही कारण है कि इस मंदिर में उनकी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

 


बालाजी महाराज और प्रेतराज सरकार का संबंध

बालाजी महाराज इस मंदिर के मुख्य देवता हैं, जिन्हें भगवान हनुमान का ही स्वरूप माना जाता है। वे भक्तों के संकट हरने वाले हैं और उनके प्रति पूर्ण भक्ति रखने वाले व्यक्तियों को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति दिलाते हैं।

लेकिन, जब किसी व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा या किसी भूत-प्रेत का प्रभाव होता है, तो उसे तुरंत मुक्ति नहीं मिलती। पहले प्रेतराज सरकार उस आत्मा का निर्णय करते हैं—क्या उसे दंडित किया जाना चाहिए, या क्या उसे बालाजी महाराज के चरणों में समर्पित कर दिया जाए। इस न्याय प्रक्रिया के कारण ही प्रेतराज सरकार का स्थान बालाजी महाराज से ऊँचा रखा गया है।

यह मंदिर न्यायिक दृष्टिकोण को भी दर्शाता है—पहले न्याय, फिर दया।

 


प्रेतराज सरकार का ऊंचा स्थान: धार्मिक कारण

  1. न्याय करने का अधिकार – प्रेतराज सरकार उन आत्माओं के स्वामी हैं, जो अभी तक मुक्त नहीं हुई हैं। इसलिए, किसी भी बाधा से ग्रस्त व्यक्ति को पहले प्रेतराज सरकार की अदालत में पेश किया जाता है। यही कारण है कि उनका स्थान ऊँचा है, क्योंकि वे पहले फैसला सुनाते हैं।
     
  2. अधिकार और शक्ति का संतुलन – बालाजी महाराज दयालु और भक्तवत्सल हैं, लेकिन इससे पहले कि वे किसी की रक्षा करें, यह देखना आवश्यक है कि व्यक्ति किस स्थिति में है। प्रेतराज सरकार यह निर्णय लेते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार की सहायता दी जानी चाहिए।
     
  3. अनुष्ठान और तंत्र-मंत्र परंपरा – मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में तंत्र-मंत्र का विशेष महत्व है। यह मंदिर उन गिने-चुने स्थानों में से एक है, जहाँ भूत-प्रेत बाधा से पीड़ित लोग विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से मुक्ति पाते हैं। इस प्रक्रिया में प्रेतराज सरकार की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है।
     

📌 यदि आप इस मंदिर में किसी विशेष अनुष्ठान जैसे Mehandipur Balaji Sawamani अर्पित करने आ रहे हैं, तो इस बात को समझना आवश्यक है कि प्रेतराज सरकार के न्याय के बाद ही भक्तों की प्रार्थना बालाजी महाराज तक पहुँचती है।

 


प्रेतराज सरकार की पूजा कैसे की जाती है?

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में पूजा पद्धति अन्य मंदिरों से बिल्कुल अलग है। यहाँ न तो प्रसाद वितरण होता है और न ही पारंपरिक तरीके से पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर में विशेष अनुष्ठान और नियमों का पालन किया जाता है, जिसमें प्रेतराज सरकार की पूजा एक अनिवार्य हिस्सा है।

  1. तीन दिव्य शक्तियों की पूजा – इस मंदिर में तीन मुख्य शक्तियाँ पूजी जाती हैं – बालाजी महाराज, प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा।
  2. न्याय प्रक्रिया – यदि किसी व्यक्ति पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव है, तो पहले उसे प्रेतराज सरकार के सामने प्रस्तुत किया जाता है।
  3. अनुष्ठान और हवन – कई श्रद्धालु यहाँ अपने परिवार के सदस्यों के लिए तांत्रिक अनुष्ठान कराते हैं।

📌 यदि आप इस मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि Mehandipur balaji temple timings सुबह 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक हैं, और इसी दौरान सभी अनुष्ठान किए जाते हैं।

 


तांत्रिक परंपरा और बालाजी धाम

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर को तांत्रिक अनुष्ठानों और भूत-प्रेत बाधाओं की मुक्ति के लिए सबसे शक्तिशाली स्थानों में से एक माना जाता है। यहाँ कई लोग गंभीर बाधाओं से मुक्त होते हैं और अपनी समस्याओं से छुटकारा पाते हैं।

  1. झाड़-फूंक और तांत्रिक उपचार – इस मंदिर में कई ऐसे लोग आते हैं, जिन पर किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव होता है। उन्हें विशेष झाड़-फूंक और मंत्रों के माध्यम से ठीक किया जाता है।
  2. सात्त्विक भोजन और नियमों का पालन – मंदिर में प्रवेश करने से पहले श्रद्धालुओं को माँस, मदिरा, प्याज और लहसुन जैसी तामसिक चीजों का त्याग करना पड़ता है।
  3. नियमों का पालन – यहाँ किसी भी व्यक्ति को पीछे मुड़कर देखने की अनुमति नहीं होती, और मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी वर्जित होती है।

📌 यदि आप बालाजी धाम में विशेष अनुष्ठान कराने की योजना बना रहे हैं, तो Mehandipur balaji sawamani online booking पहले से कर लें, ताकि आपको किसी प्रकार की असुविधा न हो।

 


निष्कर्ष

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रेतराज सरकार का स्थान बालाजी महाराज से ऊँचा होने का कारण न्याय और अनुशासन से जुड़ा हुआ है। यह मंदिर केवल भक्ति का स्थान नहीं, बल्कि तंत्र-मंत्र और आत्माओं के न्यायालय के रूप में भी कार्य करता है। यहाँ पहले प्रेतराज सरकार यह तय करते हैं कि किसी आत्मा को क्या दंड दिया जाना चाहिए या उसे कैसे मुक्त किया जाए। इसके बाद ही बालाजी महाराज की कृपा प्राप्त होती है।

अगर आप इस मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे हैं, तो इसकी परंपराओं और नियमों को समझना ज़रूरी है। यहाँ की पूजा पद्धति और अनुष्ठान अन्य मंदिरों से अलग हैं, और इन्हें पूरी श्रद्धा और अनुशासन के साथ किया जाना चाहिए। Mehandipur Balaji Sawamani, Mehandipur balaji temple timings, और Mehandipur balaji sawamani online booking जैसी जानकारी पहले से लेकर जाने से आपकी यात्रा अधिक सुगम होगी।🚩

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