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Why is Chhappan Bhog Offered in Balaji Temple?

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श्री बालाजी मंदिर में छप्पन भोग चढ़ाने की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्री हरि (विष्णु) के अंशावतार बालाजी को यह विशेष भोग समर्पित किया जाता है। छप्पन भोग का सीधा संबंध भगवान कृष्ण की कथा से है, जब गोवर्धन पर्वत उठाने के कारण वे 56 दिनों तक बिना भोजन के रहे थे। इसके बाद, भक्तों ने उनकी पूजा के दौरान 56 प्रकार के व्यंजन अर्पित किए, जो अब छप्पन भोग के रूप में प्रसिद्ध हैं।

यह परंपरा आज भी कई मंदिरों में जीवित है, विशेष रूप से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में, जहां श्रद्धालु अपनी मन्नत पूरी होने पर छप्पन भोग अर्पित करते हैं। भक्त अब "Mehandipur Balaji Arji Booking" के माध्यम से ऑनलाइन अर्जी लगाकर अपनी पूजा करवा सकते हैं।

 


बालाजी महाराज को कितनी बार भोग लगाया जाता है?

बालाजी महाराज को दिन में कई बार भोग अर्पित किया जाता है। मंदिरों में प्रचलित परंपरा के अनुसार, मुख्य रूप से भोग तीन समय होता है:

  1. सुबह का भोग: इसमें फल, मेवा और मिश्री जैसे हल्के नाश्ते शामिल होते हैं।
  2. दोपहर का भोग: यह मुख्य भोजन होता है, जिसमें छप्पन भोग के विभिन्न व्यंजन शामिल किए जाते हैं।
  3. शाम का भोग: इसमें हल्के पकवान, दूध और मिष्ठान्न अर्पित किए जाते हैं।

भक्त अपनी विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए "Mehandipur Balaji Arji Booking" के माध्यम से भोग अर्पित करने की अर्जी दे सकते हैं।

 


घाटा मेहंदीपुर धाम में बालाजी महाराज को छप्पन भोग में क्या-क्या लगाया जाता है?

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में छप्पन भोग की परंपरा विशेष महत्व रखती है। यहां भगवान को समर्पित किए जाने वाले 56 व्यंजनों में शामिल हैं:

1. अनाज और मुख्य व्यंजन

  • गेहूं की पूड़ी
  • चावल
  • बाजरे की रोटी
  • मूंग दाल खिचड़ी

2. मिठाइयाँ

  • बेसन के लड्डू
  • मोतीचूर के लड्डू
  • खीर
  • पेड़ा
  • गुलाब जामुन
  • जलेबी
  • घेवर

3. सूखे मेवे और अन्य प्रसाद

  • बादाम
  • काजू
  • किशमिश
  • नारियल बर्फी

इस छप्पन भोग को पूरी श्रद्धा और नियमों के अनुसार तैयार किया जाता है, ताकि यह पूरी तरह शुद्ध और सात्विक रहे।

 


बालाजी महाराज को लगने वाले भोग के व्यंजन की मात्रा क्या होती है?

बालाजी महाराज के लिए अर्पित किए जाने वाले व्यंजनों की मात्रा भक्तों की आस्था पर निर्भर करती है। लेकिन परंपरा के अनुसार, प्रमुख व्यंजनों की मानक मात्रा इस प्रकार होती है:

  • लड्डू: 5-10 किलो
  • खीर: 10-15 लीटर
  • पूड़ी: 100-500 पीस
  • चावल: 5-10 किलो
  • हलवा: 7-12 किलो

विशेष अवसरों पर या बड़े आयोजनों में यह मात्रा अधिक हो सकती है। भक्त "Mehandipur Balaji Temple Timings" के अनुसार दर्शन कर भोग लगाने का उचित समय चुन सकते हैं।

 


बालाजी महाराज को लगाये जाने वाले भोग में सवामनी में क्या खास होता है?

सवामनी भोग एक विशेष धार्मिक आयोजन है, जिसमें 1.25 मन (50 किलो) खाद्य सामग्री से भगवान को भोग अर्पित किया जाता है। इसकी खास बातें हैं:

  • भोग पूर्ण रूप से शुद्ध घी से बनाया जाता है।
  • इसमें लड्डू, पूड़ी, हलवा, दाल-बाटी और अन्य प्रसाद शामिल होते हैं।
  • सवामनी के भोग को सामूहिक रूप से अर्पित किया जाता है और इसे सभी भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है।

भक्त अपनी श्रद्धा अनुसार "Mehandipur Balaji Sawamani Online Booking" के माध्यम से भी सवामनी भोग अर्पित कर सकते हैं।

 


क्या बालाजी महाराज को लगाया गया भोग सभी भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है?

हाँ, बालाजी महाराज को लगाया गया भोग सभी भक्तों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है। मंदिर की व्यवस्था के अनुसार:

  • मंदिर परिसर में भक्तों को पत्तलों में प्रसाद परोसा जाता है।
  • कुछ भक्त इस प्रसाद को अपने घर भी ले जाते हैं।
  • विशेष आयोजनों में हजारों लोगों के लिए भोग तैयार किया जाता है।

भक्त इस प्रसाद को पवित्र मानकर ग्रहण करते हैं और इसे अपनी आस्था का प्रतीक समझते हैं।

 


प्रेतराज सरकार की सवामनी में क्या होता है?

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रेतराज सरकार के लिए भी विशेष भोग अर्पित किया जाता है। इसमें शामिल होते हैं:

  • उबले हुए चावल
  • बिना नमक का भोजन
  • गुड़ व रोटी
  • मीठे पकवान

यह भोग प्रेतराज सरकार को समर्पित किया जाता है, जिससे कि उनकी कृपा बनी रहे और भक्तों के कष्ट दूर हों।

 


भैरव जी महाराज की सवामनी में क्या होता है?

भैरव जी महाराज की सवामनी में मुख्य रूप से मसालेदार और तामसिक भोजन अर्पित किया जाता है। इसमें शामिल होते हैं:

  • पूरी और कचौड़ी
  • हलवा
  • दाल-बाटी
  • काली मिर्च और तेज मसाले वाले व्यंजन
  • मदिरा (कुछ विशेष मान्यताओं में)

यह सवामनी उन भक्तों द्वारा कराई जाती है जो विशेष अनुष्ठान या समस्या समाधान हेतु पूजा कर रहे होते हैं।

 


बालाजी महाराज का महाप्रसाद क्या होता है?

बालाजी महाराज का महाप्रसाद अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह प्रसाद कई तरह के खाद्य पदार्थों से बना होता है, जिनमें शामिल हैं:

  • लड्डू महाप्रसाद: यह सबसे लोकप्रिय प्रसाद है, जो भक्तों को वितरित किया जाता है।
  • हलवा प्रसाद: यह घी, आटा, और शुद्ध गुड़ से तैयार किया जाता है।
  • खिचड़ी महाप्रसाद: यह विशेष रूप से माघ महीने की पूर्णिमा पर वितरित किया जाता है।
  • सूखे मेवे और मिश्री प्रसाद: यह श्रद्धालुओं को भेंट स्वरूप दिया जाता है।

मंदिर में महाप्रसाद ग्रहण करने का विशेष महत्व है क्योंकि इसे "प्रसादम" रूप में ग्रहण करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

 


निष्कर्ष

बालाजी महाराज के छप्पन भोग की परंपरा धार्मिक आस्था, श्रद्धा और समर्पण का प्रतीक है। भक्त इस भोग को अर्पित कर अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना करते हैं।

यदि आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में सवामनी कराना चाहते हैं तो आप "Mehandipur Balaji Sawamani Online Booking" और "Mehandipur Balaji Arji Booking" के माध्यम से अपनी अर्जी दर्ज करा सकते हैं।

यह परंपरा हमें सिखाती है कि भक्ति में प्रेम, सेवा और समर्पण का भाव होना चाहिए। इस अद्भुत धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनना हर भक्त के लिए सौभाग्य की बात होती है।