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Is Bhog Offered to the Three Deities at Mehandipur Balaji ?

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समस्या: क्या सच में तीनों देवों को भोग अर्पित होता है?

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में जाने वाले भक्तों के बीच एक बड़ा सवाल हमेशा बना रहता है – क्या यहां तीन देवों को भोग चढ़ाया जाता है? यह सवाल इसलिए उठता है क्योंकि मंदिर में श्री बालाजी महाराज के साथ-साथ भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार की भी पूजा होती है। लेकिन कई भक्त इस बात को लेकर भ्रमित रहते हैं कि भोग केवल बालाजी को चढ़ता है या तीनों देवों को अलग-अलग।

Mehandipur Balaji Sawamani में तीनों देवों को भोग चढ़ाया जाता है। जानिए Chola Booking और Online Sawamani Booking की पूरी प्रक्रिया। इस अनिश्चितता के कारण कई बार भक्त सही विधि से पूजा नहीं कर पाते, जिससे मन में अधूरापन और शंका बनी रहती है।

 


बेचैनी: परंपराओं को लेकर फैलती भ्रांतियां

मंदिर से जुड़ी कई लोक-मान्यताएं और कहानियां वर्षों से प्रचलित हैं। कुछ लोग कहते हैं कि केवल हनुमानजी (बालाजी) को भोग लगता है, वहीं कुछ का मानना है कि तीनों देवों को अलग-अलग भोग चढ़ाना जरूरी है।

भक्त अक्सर सोशल मीडिया या बिना जांचे स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर पूजा करते हैं, जिससे भ्रम और मानसिक असमंजस की स्थिति बनती है।

 


समाधान: मंदिर प्रबंधन से मिली पुष्टि

इस सवाल का स्पष्ट जवाब – हाँ, मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में तीनों देवों को भोग अर्पित किया जाता है।

मंदिर में तीनों देवों के लिए भोग की प्रक्रिया

मंदिर प्रबंधन के अनुसार, हर दिन तीन बार आरती और भोग की परंपरा निभाई जाती है:

  • सुबह: बाल भोग – हल्का और सात्विक भोजन, जैसे हलवा और फल।
  • दोपहर: राज भोग – पूड़ी, सब्जी, चावल, दाल और मिठाई जैसे विस्तृत व्यंजन।
  • शाम: संध्या भोग – सात्विक और हल्का भोजन, जैसे खिचड़ी या मिठाई।

इन तीनों समयों पर भोग पहले श्री बालाजी महाराज, फिर भैरव बाबा, और अंत में प्रेतराज सरकार को अर्पित किया जाता है। यह जानकारी मंदिर परिसर में कार्यरत पुजारियों और मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट पर भी उपलब्ध है।

भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार का महत्व

  • भैरव बाबा: भैरव बाबा को भगवान शिव का एक उग्र रूप माना जाता है, जो मंदिर में रक्षक के रूप में पूजे जाते हैं। भक्तों का मानना है कि भैरव बाबा नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करते हैं और भक्तों की समस्याओं का निवारण करते हैं। उनके लिए भोग में विशेष रूप से तामसिक भोजन जैसे उड़द की दाल या तेल से बनी वस्तुएं शामिल हो सकती हैं, जो उनकी प्रकृति के अनुरूप होती हैं।
  • प्रेतराज सरकार: प्रेतराज सरकार को मंदिर में आत्माओं और सूक्ष्म शक्तियों के नियंत्रक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि वे भक्तों को बुरी शक्तियों और प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाते हैं। उनके लिए भोग में सात्विक और शुद्ध सामग्री, जैसे फल और मिठाई, विशेष रूप से चढ़ाई जाती है।

भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार की पूजा मंदिर की विशेषता है, और इन दोनों को भोग चढ़ाना बालाजी की पूजा का अभिन्न हिस्सा है।

 


सवामणी की विशेष परंपरा

सवामणी एक विशेष आयोजन है जिसमें भक्त 56 प्रकार के व्यंजन बनवाकर तीनों देवताओं को अर्पित करते हैं। इसे 'सवामणी' कहा जाता है क्योंकि इसमें भोजन का वजन एक चौथाई मन (1.25 मन, लगभग 50 किलो) से अधिक होता है।

यह आयोजन विशेष अवसरों जैसे मन्नत पूरी होने, नया व्यवसाय शुरू करने, या स्वास्थ्य लाभ के लिए किया जाता है।

सवामणी में क्या-क्या शामिल होता है?

  • पूड़ी, कचौरी, चूरमा, हलवा, सब्जी, मिठाई, फल आदि।
  • प्रसाद पहले बालाजी को, फिर भैरव बाबा को (उनके लिए विशेष रूप से तेल-युक्त व्यंजन), और अंत में प्रेतराज सरकार को (सात्विक व्यंजन) अर्पित होता है।
  • इसके बाद भक्त प्रसाद बांटते हैं या गौशाला में दान कर देते हैं।

Mehandipur balaji chola booking के साथ-साथ सवामणी भी एक बड़ा आयोजन बन गया है, जो भक्तों के लिए आस्था और सेवा का प्रतीक बन चुका है।

 


चोला चढ़ाने की परंपरा

बालाजी मंदिर में चोला चढ़ाने की परंपरा बहुत प्राचीन है। भक्त अपने नाम से चोला (विशेष वस्त्र) चढ़वाते हैं और विशेष पूजा कराते हैं। यह चोला बालाजी, भैरव बाबा और प्रेतराज सरकार, तीनों के लिए अलग-अलग चढ़ाया जाता है। अब यह सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध है, जिसके माध्यम से भक्त पहले से बुकिंग कर सकते हैं।

 


सवामणी ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें?

भक्तों की सुविधा के लिए अब मंदिर में Mehandipur balaji sawamani online booking की सुविधा शुरू की गई है। इसके अंतर्गत आप::

  • अपनी मनचाही तारीख चुन सकते हैं।
  • भोग सामग्री की सूची वेबसाइट से ले सकते हैं।
  • बुकिंग रसीद प्राप्त कर सकते हैं।
  • बिना भीड़ के मंदिर में समय से पूजा कर सकते हैं।

इस डिजिटल सुविधा ने मंदिर दर्शन को और भी सरल बना दिया है।

 


निष्कर्ष: संदेह नहीं, स्पष्टता

अगर आप मेहंदीपुर बालाजी के सच्चे भक्त हैं और सवामणी, चोला या भोग से जुड़ी परंपराओं को लेकर भ्रम में थे, तो अब स्पष्ट हो चुका है कि तीनों देवों – बालाजी, भैरव बाबा, और प्रेतराज सरकार – को विधिपूर्वक भोग अर्पित किया जाता है।

सच्ची भक्ति के साथ सही जानकारी होना ज़रूरी है। जब भी आप अगली बार Mehandipur balaji sawamani online booking या चोला बुकिंग करें, तो तीनों देवताओं के नाम से भोग और चोला अवश्य शामिल करें।

भक्ति के साथ सही जानकारी होना भी जरूरी है। अब जब आप अगली बार सवामणी या चोला बुकिंग करें, तो तीनों देवों के लिए भोग और चोला जरूर शामिल करें और ऑनलाइन बुकिंग से अपना समय सुनिश्चित करें।

आपकी श्रद्धा तब पूर्ण मानी जाएगी जब ज्ञान और आस्था दोनों साथ चलें।🚩

Book Now : +91 99506 10820